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दानवीर सेठ भामाशाह जयंती 29 जून को व्यापारी दिवस घोषित किया गया

भारतीय उद्योग व्यापार मंडल पंजीकृत द्वारा दानवीर सेठ भामाशाह जयंती 29 जून को व्यापारी दिवस के रूप में मनाए जाने का निश्चय किया है सम्माननीय बंधुवर, राष्ट्रीय पदाधिकारी, समस्त प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश पदाधिकारी, सभी जिला, महानगर, नगर ,कस्बा, तहसील के अध्यक्ष एवं सभी पदाधिकारी, महिला एवं युवा संगठन के सभी पदाधिकारी हेतु, व्यापारी सदैव से सेठ और भामाशाह के रूप में जाना जाता रहा है तथा उसी रूप में वह अपनी भूमिका अदा करते हुए सदैव राष्ट्र और समाज की सेवा के लिए तत्पर रहा है तथा देश प्रदेश के राजस्व में वृद्धि के लिए अपने योगदान के साथ देश की वितरण व्यवस्था और सामाजिक व्यवस्था के लिए भी समर्पित भाव से कार्य करता रहा है उद्धमी एवम व्यापारी वर्ग की सेवाओं को मद्देनजर रखते हुए उसे प्रत्येक स्तर पर सम्मान और सुरक्षा की आवश्यकता है. उपरोक्त दृष्टिकोण को समक्ष रखते हुए विभिन्न वर्गों के सम्मान हेतु शासन स्तर पर किसान दिवस ,मजदूर दिवस, शिक्षक दिवस, बाल दिवस आदि की भांति व्यापारी दिवस भी एक निश्चित अवसर पर राष्ट्रीय एवम प्रदेश स्तर पर शासन-प्रशासन द्वारा व्यापारी दिवस आयोजित किया जाए| इसके लिए देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ जी को पत्र एवं संपर्क के माध्यम से आग्रह भी किया गया है, इसी क्रम में भारतीय उद्योग व्यापार मंडल द्वारा सभी राज्य एवं जनपद, नगर ,महानगर, तहसील, कस्बा स्तर पर आगामी 29 जून2023 को दानवीर सेठ भामाशाह जयंती के अवसर पर व्यापारी दिवस के कार्यक्रम आयोजित करके देश में संगठनात्मक एकता, एकजुटता तथा संगठन शक्ति को बढ़ाने के लिए एक महत्व पूर्ण संदेश दिए जाने की महती आवश्यकता है, उपरोक्त संदर्भ में कार्यक्रम की रूपरेखा तय किए जाने हेतु *वर्चुअल बैठक का आयोजन दिनांक 22 जून 2023 को किया था ,जिसमें उपरोक्त के संदर्भ में निर्णय लिया गया है कि 29 जून को सभी जनपद, महानगर, नगर, तहसील, कस्बों तथा राज्य स्तर पर व्यापारी सम्मान और गोष्टी के कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, तथा उससे पूर्व 26 जून 2023 को उपरोक्त हर स्तर परउपरोक्त सन्दर्भ में एक ज्ञापन माननीय प्रधानमंत्री जी और माननीय मुख्यमंत्री जी के नाम संबोधित जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित किया जाए, प्रेस मीडिया के माध्यम से उसे प्रचारित किया जाय,कृपया सभी से अनुरोध है कि अपने राज्य एवम जनपद के कार्य क्षेत्र के अंतर्गत उपरोक्त कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अभी से संपर्क , योजना तथा कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करके कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जुटने का कष्ट करें

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यहाँ जानें – कौन हैं भामाशाह क्यों और कहते हैं इनको ‘महान दानवीर’

भारत ही नहीं पुरे विश्व के इतिहास के पन्नो और लोगो के दिलो में आज भी उनका नाम गूँजता है। इतिहास के अनुसार वह महाराणा प्रताप के परम मित्र थे इन्ही कारण ही भामाशाह ने हमेशा उनकी मातृभूमि की सेवा की थी। भामाशाह एक दानवीर होने के कारण इतिहास में भी अमर हो गये है । वर्तमान समय में चल रहे bhamashah card सरकार ने इस महान दानवीर की याद हेतु नामकरण किया गया है। भामाशाह दुनिया मे ऐसे व्यक्ति हे जो आज भी लोगो के दिलो में बसे हुए है , भामाशाह ने अपना सम्पूर्ण जीवन अपनी मातृभूमि की सेवा करने में गुजार दिया था। वह इतने बड़े दानवीर थे की उनको महाभारत के सूर्य पुत्र कर्ण जैसे कहा जाता है। भामाशाह का जन्म ई.स 29 अप्रैल 1547 में राजस्थान के मेवाड़ राज्य में हुवा था। भामाशाह के पिता को राणा सागा ने रणथम्भौर के क़िले का क़िलेदार नियुक्त किया था| कालान्तर में राणा उदय सिंह के प्रधानमन्त्री भी रहे। भामाशाह एक ऐसे दानवीर थे। जैसे कर्ण के पास जो भी ब्राहमण कुछ भी भिक्षा मांगते थे, कर्ण उसे देते थे। ऐसे ही भामशाह सभी लोगो को दान और सहायता दिया करते थे। भामाशाह ने अपने देश के लिए उन्होंने अपनी सारी धन दौलत न्योछावर कर दिया था। आज भी पूरी दुनिया में दानवीर वो में से एक थे। जिसे आज भी उन दानवीर Bhamashah को कहकर वंदना किया जाता है। दानवीर भामाशाह – bhamashah जब एक समय में महाराणा प्रताप अपना किला हार गए थे। इस समय महाराणा प्रताप अपने परिवार के साथ पहाडियो में धूम रहे थे। तब भामाशाह ने अपनी मातृभूमि की रक्षा करने के लिए भामाशाह ने अपनी धन दौलत सारी महाराणा प्रताप को दे दी थी। भामाशाह ने उनकी सारी दौलत महाराणा प्रताप को देने के बाद महाराणा प्रताप ने एक नया सैन्य संगठित किया और उन्हें जगल में ट्रेनिंग दी| इसके बाद सैन्य पूरी तरह तैयार होने के बाद महाराणा प्रताप ने फिर से अपना गँवाया हुआ राज्य पे हमला किया और मुगलो को हरा के वापस लिया। इस तरह भामाशाह जीवन में दानवीर के रूप में लोगो के दिलो में बस गए। भामाशाह इस दानवीरता के कारन इतिहास में अमर हो गए। भामाशाह जयंती – (Bhamashah Jayanti) 29 अप्रैल एक महान दानवीर भामाशाह की जयंती जब तक महाराणा प्रताप अमर रहे तब तक भामाशाह जिनके दान से सुरक्षित रहा हिन्धू धर्म । ई.स 1599 से इनकी जयंती मनाया जाता है। भामाशाह और महाराणा का जीवन परिचय – भामाशाह बचपन से ही महाराणा प्रताप के परम मित्र सहयोगी व् विश्वासपात्र सहलाकर रहे है। ऐसा कहा जाता है कि भामाशाह के पास बड़ी मात्रा में धन संपति थी | जिसे भामाशाह ने महाराणा प्रताप को अपनी सभी धन दौलत दे दी थी। आज भामाशाह का नाम इतिहास में महाराणा प्रताप के साथ वैसे ही दर्ज हो चूका है जैसे श्री राम के साथ हनुमाजी का था। Bhamashah का परिवार कावड़िया ओसवाल जैन था। जिनका प्रथम उल्लेख हल्दीघाटी युद्ध में मिलता है। हल्दीघाटी युद्ध में भामाशाह के परिवार की सहायता – हल्दीघाटी युद्ध में भामाशाह और उनके भाई ताराचंद के साथ मेवाड़ी सेना के दाये पार्स वचे थे। इसी पार्स ने मुगलाई सेना पर प्रथम आक्रमण किया था। जिसके पचंद वेग से मुगलाई सेना से मुगलाई फौज के बाक्सिका और हरावल भाग खड़े हुवे थे। हल्दीघाटी युद्ध के बाद भामाशाह ने अनेक बार मेवाड़ के सेना का नेत्तृत्व करते हुवे। गुजरात मालवा और मालपुरा के खजाने को स्वतत्रता की प्राप्ति के लिए लूट लिया था।इसके बाद भामाशाह को दिल्ली की गद्दी का पवलोबन भी मिला लेकिन भामाशाह ने मेवाड़ की अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए उन्होंने दिल्ली की गद्दी को ठुकरा दिया था। हल्दीघाटी का युद्ध18 जून ईस्वी 1576 – हल्दीघाटी युद्ध आज भी राणा प्रताप के प्रति इतिहास के पन्नो में उज्जवल है।हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून ईस्वी 1576 में राणा प्रताप ये हल्दीघाटी युद्ध हार चुके थे।युद्ध हार जाने के बाद राणा प्रताप अपने अस्तित्व को बचाने रखने के लिए राणा प्रताप अपने परिवार के साथ जगलो में पहाड़ियों में धूम रहे थे।राणा प्रताप यद्ध हार जाने के बाद वो सोच रहे थे की अब मेरे पास कोई धन दौलत नहीं है अब बिना धन के सेना का सगठन कैसे किया जाए| इसी समय पुराना खजाना मत्री Bhamashah ने उनके समक्ष उपस्थित हुए और वो मेवाड़ की प्रति खमा गनी करते है। और भामाशाह बोलते है ” मेवाड़ धणी अपने गोड़े की बाध “ ” मेवाड़ की तरफ मोड़ लीजिये। “ ” मेवाड़ी धरती मुगलो की गुलामी से आंतकित है “ उसका उद्धार किजिए – इतना बोलकर भामाशाह के साथ आए पार्थाभिल का परिचय महाराणा प्रताप से करवाते है। और बताते है कीस प्रकार से प्रथा ने अपने प्राणो की बाजी लगाकर पूर्वजों ने इस गुप्त खजाने की रक्षा की है।आज वो सवयं सामने लेकर आया हूँ| ये खजान ये, धन मेरा नहीं है। ये खजाना पूर्वजो की पूजी है अगर मेवाड़ स्वतंत्र रहा तो ये धन में फिर से कमा लूँगा| ये धन आप ग्रहण कीजिये और मेवाड़ की रक्षा कीजिये| इस समय भामाशाह ने महाराणा प्रताप को 25 लाख रु और 20,000 अशर्फी राणा को दीं थी इसके बाद महाराणा प्रताप क्या कहते है। भामशाह और राणा प्रताप – भामशाह और पुर्ता भील की राषट भगति देखर और ईमादारी देखर राणा प्रताप का मन भी द्रविड़ हो उठा वो भावुक हो गए इनके आसु से धारा बेह उठे और राणा प्रताप ने उन दोनों को गले लगा दिया। महाराणा प्रताप कहते है की आज आपके जैसे सपूतो से कारण मेवाड़ जिंदा है। महाराणा और मेवाड़ आपका उपकार को याद रखेगे मुझे आप पर गर्व है। इस धन से महाराणा प्रताप ईस्वी 1578 से 1590 लगातार युद्ध करते रहे और कही बार गुप्त युद्ध करते रहे और युद्ध में जीत हासिल करते रहे।ई.स 1591 से 1596 तक मेवाड़ और मेवाड़ के महाराणा ओ के लिए चरम ऊचार सिका का समय कहा जाता है। इसके 1 वर्ष के बाद महाराणा प्रताप की मृत्यु हो गयी थी। जब महाराणा प्रताप की मृत्यु हुई तब अकबर के आँखों में भी आँसू गए थे।

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कोपरगंज भीषण अग्निकांड पीड़ित व्यापारियों की बनी राहत कमेटी

अग्निकांड से प्रभावित व पीड़ित व्यापारियों की समस्याओं को लेकर राहत कमेटी के सदस्य व पदाधिकारी और पीड़ित व्यापारियों ने जिलाधिकारी के साथ बैठक व वार्ता की और 9 सूत्रीय एक ज्ञापन भी सौंपा। कोपरगंज भीषण अग्निकांड पीड़ित व्यापारियों की बनी राहत कमेटी में भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश वरिष्ठ महामंत्री ज्ञानेश मिश्र व महानगर अध्यक्ष गुरुजिन्दर सिंह और यू पी गारमेंट्स मैनुफैक्चरिंग ट्रेडर्स एसो अध्यक्ष विजय गुप्ता गोरे,प्रदेश कोषाध्यक्ष राजेश आहूजा व संरक्षक बी पी रस्तोगी के नेतृत्व में दिनांक 30/31 मार्च को कानपुर के कोपरगंज स्थिति रेडिमेड गारमेंट्स बाजार में भीषण अग्निकांड से प्रभावित व पीड़ित व्यापारियों की समस्याओं को लेकर राहत कमेटी के सदस्य व पदाधिकारी और पीड़ित व्यापारियों ने जिलाधिकारी के साथ बैठक व वार्ता की और 9 सूत्रीय एक ज्ञापन भी सौंपा। बैठक व वार्ता में भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश वरिष्ठ महामंत्री ज्ञानेश मिश्र ने जिलाधिकारी से कहा कि इस भीषण अग्निकांड के नुकसान से प्रभावित व्यापारियों का पूरा आकलन करके जी एस टी विभाग में दर्ज स्टॉक के आधार पर पूर्णतया आर्थिक क्षतिपूर्ति व मुआवजा देने की मांग लगातार हो रही है इस मामले में ज़िला प्रशासन की एक कमेटी भी बनी थी उसकी रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं हो पा रही है इस मामले में पीड़ित व्यापारियों को जल्द मुवावज़ा दिलवाया जाय।आगे कहा कि इस भीषण अग्निकांड से क्षतिग्रस्त व गिराऊ टावरों को गिराने व पुनः निर्माण करवाने की अनुमति सरल प्रक्रिया के तहत करवाई जाय जिससे पीड़ित व्यापारियों का पुनर्वास जल्द हो सके। वार्ता में भारतीय उद्योग व्यापार मंडल महानगर अध्यक्ष गुरुजिंदर सिंह ने कहा कि इस भीषण अग्निकांड के दौरान बंद किए गए अर्जन कॉम्प्लेक्स को एच बी टी यू द्वारा की गई जांच के उपरांत इस टावर की रिपेयरिंग करके खोलने की अनुमति दी जाय जिससे इस टावर के व्यापारियों का व्यापार शुरू हो सके।इस भीषण अग्निकांड से प्रभावित व क्षतिग्रस्त टावरों का पुनः निर्माण करवाने में सारी सरकारी प्रक्रियाएं एक सरकारी विंडो सिस्टम बना कर करवाया जाए जिससे इस बाजार के टावरों के व्यापार को जल्द से जल्द पुनः शुरू किया जा सके।क्षतिग्रस्त टावरों के पुनः निर्माण कराने में कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा नक्शा शीघ्र स्वीकृत किया जाय।आगे कहा कि कुछ स्कूल फीस माफ नही कर रहे है और कुछ इंशोरेंस कंपनियां क्लेम नही दे रही है। यू पी गारमेंट्स मैनुफैक्चरिंग ट्रेडर्स एसो प्रदेश अध्यक्ष विजय गुप्ता गोरे व प्रदेश कोषाध्यक्ष राजेश आहूजा ने कहा कि टावरों के पुनः निर्माण होने के उपरांत अग्नि पीड़ित पुनर्वास के तहत नई नियमावली बनाकर 5000 रु से 10000 रु तक प्रति दुकान के हिसाब से उनका बैनामा किया जाय और टावर भवन बनाने के समय कानपुर के विभिन्न विभागों द्वारा एनओसी अथवा जरूरी कागजात शीघ्र उपलब्ध कराने का भी कार्य किया जाय जिससे अग्नि पीड़ित दुकानदारों को जल्द से जल्द उनकी दुकानें मिल सकें और उनका पुनर्वास हो सके। यू पी गारमेंट्स मैनुफैक्चरिंग ट्रेडर्स एसो के अध्यक्ष विजय गुप्ता गोरे व संरक्षक बी पी रस्तोगी ने कहा कि सुपर हमराज कॉम्प्लेक्स फेस टू के मामले में इसकी शीघ्र जांच कराई जाय जिससे स्थिति स्पष्ट हो सके कि ये भवन मरम्मत योग्य है या गिराए जाने योग्य है क्योंकि स्थिति स्पष्ट होने पर ही सभी टावरों की कार्य योजना दी जा सके । जिलाधिकारी विशाख जी ने आर्थिक मुवावजा के लिए जिला प्रशासन की बनी कमेटी के एस जी एस टी के ज्वाइंट कमिश्नर मुकेश पांडे से बात की और व्यापारियों की आर्थिक क्षति के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि जी एस टी पोर्टल में स्टॉक की जानकारी नहीं होती है इसलिए दिक्कत आ रही है तब जिलाधिकारी ने कहा कि आप इन व्यापारियों के नुकसान का आकलन दुकानों का क्षेत्रफल के हिसाब से करे और रिपोर्ट दे और अर्जन कम्प्लेक्स खुलने व सुपर हमराज फेस टू के मामले में अपर नगर आयुक्त से व्यापारियों के साथ बैठक करके मामले का जल्द निस्तारण करने को कहा। जिलाधिकारी ने स्कूल फीस माफ माफी और इंशोरेंस कंपनियां क्लेम देने के मामले में संबंधित लोगो से बैठक करेंगे।पीड़ित व्यापारियों में सभी टावरों से भूपिंदर सिंह राजा,दिलीप दुसूजा,जवाहरलाल नारवानी , मो इस्लाम,मनीष वंसदानी ,नंदलाल खत्री,अनिल चुग,नितिन टेकवानी ,धर्मेश राजपाल,राकेश कुमार, सत्यनारायण खन्ना,देवा ओमर, मो इरफान ,कमल अरोड़ा,प्रकाश गुप्ता आदि थे।

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यूपी कैबिनेट की बैठक में योगी आदित्यनाथ ने किया 29 जून को व्यापारी कल्याण

भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राज्य राष्ट्रीय अध्यक्ष रविकांत गर्ग व् प्रदेश चेयरमैन नटवर गोयल के नेतृत्व में काफी समय से लंबित चल रही व्यापारी कल्याण दिवस घोषित करने की मांग को बुधवार को लखनऊ में हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है| कैबिनेट ने दानवीर भामाशाह की जयंती 29 जून को व्यापारी कल्याण दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है| इस घोषणा से व्यापारियों में हर्ष की लहर दौड़ गई है| मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गर्ग ने बताया कि व्यापारी हित एवं व्यापारियों के सम्मान में संगठन एवं सभी पदाधिकारियों द्वारा व्यापारी कल्याण दिवस घोषित करने की मांग उठाई जा रही थी| जिसे दानवीर भामाशाह की जयंती 29 जून को घोषित कर मुख्यमंत्री ने साबित कर दिया कि यह सरकार व्यापारी हित एवं उनके सम्मान में कभी कमी नहीं रखती| श्री गर्ग ने संगठन की ओर से मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया है| प्रदेश अध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने बताया कि दानवीर भामाशाह जयंती पर पूर्व में निर्धारित व्यापारियों के सम्मान का कार्यक्रम उसी रूप से सभी महानगर एवं जिलों में किया जाएगा| व्यापारी कल्याण दिवस घोषित होने पर हर्ष व्यक्त करने वाले मुख्य रूप से जिला अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल मामा, जिला महामंत्री अजय गोयल, संजू खंडेलवाल, अजय कांत गर्ग, महानगर अध्यक्ष रमेश चतुर्वेदी, महामंत्री सुनील अग्रवाल, बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन के महामंत्री चिराग अग्रवाल, सुनील साहनी, मुकेश अग्रवाल, सोनू हाथी वाला आदि व्यापारियों ने हर्ष व्यक्त किया है|

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भारतीय उद्योग व्यापर मंडल का परिचय

भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (Bhartiya Udyog Vyapar Mandal) एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय संगठन है, जो भारतीय उद्योग और व्यापार को समृद्ध, विकासशील और सामरिक बनाने का उद्देश्य रखता है।

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